Vigyan Yatra of India International Science Festival is the best way to see the various science lab of India virtually this year
*भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2020 के अंतर्गत विज्ञान यात्रा एवं जनसंपर्क गतिविधियों का आयोजन*
सीएसआईआर-आईआईटीआर और सीएसआईआर-एनबीआरआई लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान यात्रा और जनसम्पर्क गतिविधियों का आयोजन आज सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ में किया गया। यह कार्यक्रम वस्तुतः ऑन-लाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर, डॉ सतीश सी द्विवेदी, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार मुख्य अतिथि थे।
विज्ञान यात्रा के आयोजन सचिव और राष्ट्रीय समन्वयक श्री श्रेयांश मंडलोई ने विज्ञान यात्रा के बारे में बताया जो भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2020 की प्रचार गतिविधियों के हिस्से के रूप में देश के 32 शहरों में आयोजित की जाती है और 22 दिसंबर, 2020 को नई दिल्ली में समाप्त होगी। इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य हमारे दर्शकों के मन के विचारों को प्रज्वलित करने और विभिन्न वैज्ञानिक ज्ञान आधारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह नवीन विचारों को प्रदर्शित करने और इच्छुक विद्यार्थियों, शोध छात्रों, शिक्षकों और युवा वैज्ञानिकों द्वारा समकालीन मुद्दों को वैज्ञानिक रूप से हल करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
इस अवसर पर रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, लखनऊ के कार्यवाहक निदेशक डॉ एके अग्रवाल ने जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट इमेजिंग सेवाओं के क्षेत्र में संस्थान की विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी दी। इसी के साथ डॉ सीएम नौटियाल, इंसा सलाहकार, नई दिल्ली और उपाध्यक्ष, विज्ञान भारती, अवध प्रान्त ने आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे एवं देश के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए बताया कि आचार्य रे ने रसायन विज्ञान में पहला आधुनिक भारतीय अनुसंधान विद्यालय स्थापित किया एवं उन्हें भारत में रसायन विज्ञान का जनक माना जाता है। उन्होंने भविष्य में देश को आत्मनिर्भर बनाने हेतु युवा मन के बीच विज्ञान लोकप्रियकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। डॉ नौटियाल ने युवा शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों के लिए भारत सरकार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ जैसे कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास में नए क्षितिज खोजने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगी। कार्यक्रम के दौरान, सीएसआईआर-आईआईटीआर और सीएसआईआर-एनबीआरआई की सेवाओं एवं प्रयोगशालाओं को दर्शाने करने वाली विभिन्न लघु फिल्मों को भी प्रदर्शित किया गया।
इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रो एसके बारिक, निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई एवं सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ तथा अध्यक्ष, विज्ञान भारती, अवध प्रान्त, ने विज्ञान महोत्सव के साथ-साथ जैवविविधता कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव फेस्टिवल (आईआईएसएफ़2020) का छठा संस्करण 22-25 दिसंबर, 2020 के दौरान आयोजित किया जा रहा है। आईआईएसएफ़2020 की इस वर्ष की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत एवं वैश्विक कल्याण हेतु विज्ञान’ है।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ विवेक श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ गौरव मिश्रा, वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ द्वारा किया गया।
डॉ रजनीश चतुर्वेदी, प्रमुख वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईटीआर एवं महासचिव विज्ञान भारती अवध प्रांत कार्यक्रम ने कार्यक्रम का संचालन एवं अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय एवं अन्य विद्यालय के सैकड़ों छात्र छात्रा उपस्थित थे ।
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